यही था लालू जी का असली जादू। यही थी गरीबों की नई पहचान।

3/7/2025 10:42:26 AM

लालू यादव जी जिसने गरीबों को आवाज़ दी, उन्हें हक़ दिलाया
एक वक्त था जब गरीबों की कोई सुनवाई नहीं थी। स्टेशन से MLA फ्लैट तक सवारी लेकर आने वाला रिक्शावाला जब अपना मेहनत का 5 रुपये मांगता था, तो उसे दुत्कारा जाता था। मालिकों के लिए वो सिर्फ एक मजदूर था, जिसकी आवाज़ कोई नहीं सुनता था। अगर उसने अपने पैसे मांगे, तो उसे गालियां पड़ती थीं, जूते तक मारे जाते थे। गरीबों के लिए ये आम बात थी—अपमान सहो, चुप रहो, और दोबारा मेहनत में जुट जाओ।
फिर सत्ता बदली। लालू यादव जी की सरकार आई। और सबसे बड़ी चीज़ जो बदली—वो थी गरीबों का मनोबल। अब वही रिक्शावाला जब अपना हक मांगता था और कोई धमकाने की कोशिश करता था, तो वह पलटकर कहता था—
"मार के देख लो!"
ये बदलाव सिर्फ शब्दों में नहीं था, बल्कि आत्मसम्मान में था। लालू यादव जी ने गरीबों को जुबान दी, उन्हें एहसास कराया कि वे भी इंसान हैं, उनका भी सम्मान है। सत्ता के गलियारों में अब गरीबों की भी आवाज़ गूंजने लगी थी। पहले जो सिर झुकाकर चलते थे, वे अब आँख में आँख डालकर बात करने लगे थे।
लालू यादव ने सत्ता का असली मतलब दिखाया—
राज करने के लिए नहीं, दबे-कुचले को उठाने के लिए।
यही था लालू जी का असली जादू। यही थी गरीबों की नई पहचान।

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